Sushma Gupta

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Raven Ki LokkathayenPaperback, 1 January 2020

Raven Ki Lokkathayen
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Print Length
178 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Date Published
1 Jan 2020
ISBN-10
9353229367
ISBN-13
9789353229368

Description

लोककथाएँ किसी भी समाज की संस्कृति का अटूट हिस्सा होती हैं, जो संसार को उस समाज के बारे में बताती हैं, जिसकी वे लोककथाएँ हैं। सालों पहले ये केवल जबानी कही जाती थीं और कह-सुनकर ही एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को पहुँचाई जाती थीं; इसलिए यह कहना मुश्किल है कि किसी भी लोककथा का मूल रूप क्या रहा हो! रैवन का जिक्र केवल कनाडा की लोककथाओं में ही नहीं है, बल्कि ग्रीस और रोम की दंतकथाओं में भी पाया जाता है। प्रशांत महासागर के उत्तर-पूर्व के लोगों में रैवन की जो लोककथाएँ कही-सुनी जाती हैं, उनसे पता चलता है कि वे लोग अपने वातावरण के कितने अधीन थे और उसका कितना सम्मान करते थे। रैवन कोई भी रूप ले सकता है- जानवर का या आदमी का। वह कहीं भी आ-जा सकता है और उसके बारे में यह पहले से कोई भी नहीं बता सकता कि वह क्या करनेवाला है। रैवन की ये लोककथाएँ रैवन के चरित्र के बारे कुछ जानकारी तो देंगी ही, साथ में बच्चों और बड़ों दोनों का मनोरंजन भी करेंगी। आशा है कि ये लोककथाएँ पाठकों का मनोरंजन तो करेंगी ही, साथ ही दूसरे देशों की संस्कृति के बारे में जानकारी भी देंगी।

Product Details

Author:
Sushma Gupta
Book Format:
Paperback
Country of Origin:
US
Date Published:
1 January 2020
Dimensions:
21.59 x 13.97 x 1.04 cm
ISBN-10:
9353229367
ISBN-13:
9789353229368
Language:
Hindi
Pages:
178
Weight:
231.33 gm

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