सीता रामायण और रामकथा पर आधारित अन्य रामायण ग्रंथ, जैसे रामचरितमानस, की मुख्य
पात्र है। सीता मिथिला के राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थी। इनका विवाह अयोध्या के राजा
दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र राम से स्वयंवर में शिवधनुष को भंग करने के उपरांत हुआ था। इनकी स्त्री
व पतिव्रता धर्म के कारण इनका नाम आदर से लिया जाता है। त्रेतायुग में इन्हे सौभाग्य की
देवी लक्ष्मी का अवतार मानते हैं। रामायण के अनुसार मिथिला के राजा जनक का हल खेतों में
जोतते समय एक पेटी से अटका। इन्हें उस पेटी में पाया था। हल को मैथिली भाषा में 'सीत'
कहने के कारण इनका नाम सीता पड़ा। राजा जनक और रानी सुनयना ने इनकी परवरिश की।
उर्मिला उनकी छोटी बहन थीं । राजा जनक की पुत्री होने के कारण इन्हें जानकी,
जनकात्मजा अथवा जनकसुता भी कहते हैं। मिथिला की राजकुमारी होने के कारण, ये मैथिली
नाम से भी प्रसिद्ध हैं। भूमि में पाए जाने के कारण इन्हें भूमिपुत्री या भूसुता भी कहा जाता
है। सीता को महासती क्यों कहा गया है, यह इस उपन्यास को पढ़कर आपको अच्छा लगेगा।