जब भी भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन की चर्चा होती है, भगत सिंह का नाम सबसे पहले आता
है। उनके जीवन और विचार पर काफ़ी कुछ लिखा गया है लेकिन दुर्भाग्य से उन क्रांतिकारियों
के बारे में आमजन में जानकारी लगभग नगण्य है, जिन्होंने भगत सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर
लड़ाई लड़ी। उनके ये साथी जीवट क्रांतिकारी थे लेकिन इतिहास में उनको वह स्थान नहीं मिल
सका, जो मिलना चाहिए था। ये साथी जहां भगत सिंह से प्रेरित-प्रभावित थे, वहीं भगत
सिंह पर भी इनका काफ़ी असर था।
इस किताब में भगत सिंह के दस साथियों की जीवन गाथाएं हैं - सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर
आज़ाद, विजय कुमार सिन्हा, शिव वर्मा, जयदेव कपूर, बटुकेश्वर दत्त, भगवतीचरण वोहरा,
दुर्गा भाभी एवं जतिन दास। यह किताब क्रांतिकारी आंदोलन के स्वरूप और उसके सपनों के बारे
में भी बात करती है।